आशिक होकर सोना क्या रे!
समझ देख मनमीत पियरवा!
आशिक होकर सोना क्या रे!
जिस नगरी में दया धरम नाही!
उस नगरी में रहना क्या रे!
समझ देख मनमीत पियरवा!
आशिक होकर सोना क्या रे!
रूखा सूखा गम का टुकड़ा ,
चिकना और सलोना क्या रे!
चिकना और सलोना क्या रे!
समझ देख मनमीत पियरवा!
आशिक होकर सोना क्या रे!
पाया हो तो दे ले प्यारे !
पाया हो तो दे ले प्यारे !
पाय पाय फिर खोना क्या रे!
आशिक होकर सोना क्या रे!
समझ देख मनमीत पियरवा!
आशिक होकर सोना क्या रे!
जिन आँखों में नींद घनेरी !
तकिया और बिचौना क्या रे !
समझ देख मनमीत पियरवा!
आशिक होकर सोना क्या रे!
कहीं कबीर सुनो भाई साधो!
शीश दिया फिर रोना क्या रे!
शीश दिया फिर रोना क्या रे!
समझ देख मनमीत पियरवा!
आशिक होकर सोना क्या रे!
आशिक होकर सोना क्या रे!
आशिक होकर सोना क्या रे!
सोना क्या रे!
https://youtu.be/vbzCSvCUizY
समझ देख मनमीत पियरवा!
आशिक होकर सोना क्या रे!
जिस नगरी में दया धरम नाही!
उस नगरी में रहना क्या रे!
समझ देख मनमीत पियरवा!
आशिक होकर सोना क्या रे!
रूखा सूखा गम का टुकड़ा ,
चिकना और सलोना क्या रे!
चिकना और सलोना क्या रे!
समझ देख मनमीत पियरवा!
आशिक होकर सोना क्या रे!
पाया हो तो दे ले प्यारे !
पाया हो तो दे ले प्यारे !
पाय पाय फिर खोना क्या रे!
आशिक होकर सोना क्या रे!
समझ देख मनमीत पियरवा!
आशिक होकर सोना क्या रे!
जिन आँखों में नींद घनेरी !
तकिया और बिचौना क्या रे !
समझ देख मनमीत पियरवा!
आशिक होकर सोना क्या रे!
कहीं कबीर सुनो भाई साधो!
शीश दिया फिर रोना क्या रे!
शीश दिया फिर रोना क्या रे!
समझ देख मनमीत पियरवा!
आशिक होकर सोना क्या रे!
आशिक होकर सोना क्या रे!
आशिक होकर सोना क्या रे!
सोना क्या रे!
https://youtu.be/vbzCSvCUizY
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