Sunday, April 9, 2017

Dhanyawaad

है मेरे चित्त के धरा पे तूने आग लगा दी , 
मेरे उपवन में जो भी था ,वो उझाड़ दिया।

कुछ नहीं बचा , जिसे मेरा - अपना बोल सकूँ, 
लेकर सबकुछ, अल्लाह तूने उपकार किया।


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