अगर तुझमे दुख है ,
तो अस्पतालों की तरफ रुख ले ।
अगर तुझमे अशांति है ,
तो मैखानो का कर ले दर्श।
संतोष तुझमे है अगर
तो जीवन हास्य मंच है।
न खुद को समझ असमर्थ तू ,
तू राम कृष्ण का अंश है।
हर जीव में है गुन छुपा ,
बस खोजने की देरी है ।
कुछ खोया है , कुछ पायेगा ,
इस जग में हेराफेरी है ।
2005
तो अस्पतालों की तरफ रुख ले ।
अगर तुझमे अशांति है ,
तो मैखानो का कर ले दर्श।
संतोष तुझमे है अगर
तो जीवन हास्य मंच है।
न खुद को समझ असमर्थ तू ,
तू राम कृष्ण का अंश है।
हर जीव में है गुन छुपा ,
बस खोजने की देरी है ।
कुछ खोया है , कुछ पायेगा ,
इस जग में हेराफेरी है ।
2005
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