Friday, September 8, 2017

जब तुम रोटी मांगोगे

जब तुम रोटी  मांगोगे  ,
वो  जाति खतरे में है कहेंगे।
जब नौकरी मांगोगे तो ,
अल्लाह,  राम  की याद दिला देंगे।
बेरोजगार जवानो से ,
वे अपना काम चलवाएंगे।
जो अकेला था और सोचता था ,
उसी  भीड़ बना देंगे।

वो तुम्हे वोही दिखाएंगे जो वो चाहेंगे ,
झूठी खबरों का चश्मा चढ़ाएंगे।
जब तुम हक़ की मांग करोगे तो ,
वो तुम्हे  स्मारक और पार्क बना  देंगे।

जिसे नींद नहीं आती  ,
उसको भी सपने दिखाएंगे।
फिर जब वापस चुनाव आएगा ,
तो लाउडस्पीकर पे जिंगल बजवायेंगे।

जिंगल बदल जायेगा ,
मुखौटा बदल जायेगा।
यही चलता रहेगा जबतक ,
तुम नहीं सोचोगे, तुम नहीं टोकोगे  ।


-वागीश

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