सहज
Monday, May 8, 2017
आज़ाद
आज बेपरवाह सब किरियाकलोपो से.....
आज़ाद हु आज़ाद हु, बेकार यादों से...
अक्ल से हु , शक्ल से हु , सपनो से आज़ाद....
दोस्त, दुश्मन, काल से , अपनों से आज़ाद......
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